सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाया जाएगा। साथ ही इसके नियमित अनुरक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।
गांवों में भी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन एवं मल प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड स्तर पर नालों एवं गलियों की सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक घर से ठोस कचरे का संग्रहण किया जायेगा तथा उनका उपयुक्त तकनीक के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। नालों के अंत में निकले हुए गंदे जल का उपर्युक्त तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जायेगी।
पूर्व की निश्चय योजनाओं का अनुरक्षण
इसके अंतर्गत 7 निश्चय के तहत पूर्व से निर्मित योजनाओं यथा हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली- नालियां एवं हर घर शौचालय आदि की योजनाओं का पूरा रख रखाव किया जाएगा।
आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर दुग्ध उत्पादन एवं प्रसंस्करण, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में स्थित चौर क्षेत्रों का विकास बड़े पैमाने पर किया जाएगा। साथ ही अन्य क्षेत्रों में तालाबों, पोखरों एवं बड़े जलाशयों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों का प्रसार किया जाएगा तथा मछली पालन के पूरे उत्पादन श्रृंखला पर काम किया जाएगा। मछली के उत्पादन को इतना बढ़ाया जाएगा कि बिहार की मछली अन्य राज्यों में जाएगी। इनसे राज्य के पशुपालकों एवं मछली पालकों की आय बढ़ेगी।